अपने शिशु के आहार को लेकर नए माता-पिताओं को जो सारी चीजे करनी चाहिए उनका हिसाब रखना बहुत ही परेशानी भरा हो सकता हैं। इसे करने का आसान तरीका यह है कि इस बात पर ध्यान दें कि शिशुओं को क्या नहीं खिलाना चाहिए। इस बात पर ध्यान दें। यहां पर आहारों की सरल सूचि है, जिसे अपने 12 महीने से कम आयु के शिशुओं को बिलकुल न दें।
- 12 महीने से कम आयु के शिशुओं को शहद नहीं देना चाहिए क्योकि उसमें सामान्य शर्करा और संभावित बैक्टीरिया कणों की मात्रा बहुत अधिक होती हैं।
- कैफीन युक्त पेय पदार्थ, उदाहरण के लिए: चाय, काफी और कोला शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है क्योकि उनमे शारीरिक तरल भंडार को सुखानेवाले गुणधर्म होते है, जिससे लोह-अवशोषण कम हो जाता हैं।
- छोटे, सख्त आहार शिशुओं को नहीं देने चाहिए उदाहरण के लिए: अखरोट, विभिन्न बीज, पॉपकॉर्न, साबुत अंगूर और साबुत फलिया क्योकि वे शिशुओं के गले में फ़स सकते हैं।
- अखरोट जैसे पदार्थ शिशुओं को नहीं देने चाहिए क्योकि उसमे श्वास का खतरा और संभावित एलर्जी होने का जोखिम होता हैं। अखरोट पेस्ट या अखरोट मख्खन, अखरोट देने के बेहतर रूप हैं।इन्हे सुरक्षित रूप से दिया जा सकता है ; हालांकि, पहले वर्ष में मूंगफली न दे और यदि पारिवारिक एलर्जी का इतिहास है तो पहले तीन वर्षो तक न दें।
- पालक, जिसमें ऑक्सालिक एसिड होता है, एक वर्ष के अंत से पहले देने पर समस्या हो सकती है।
- धान्यबीज उत्पाद बीज के कारण शिशुओं के लिए उपयुक्त नहीं है, हालांकि हल्का, चक्की आटा ब्रेड आप दे सकते हैं।
- सोया, गाय का दूध, बकरी का दूध, बादाम का दूध या जौ का दूध उपयुक्त सूत्र विकल्प नहीं है, हालांकि इन्हे दस मास से भोजन पकाने में या छोटी मात्रा में दिया जा सकता हैं। पहले वर्ष के पश्चात पेय के रूप में विभिन्न द्रव पदार्थ दिए जा सकते हैं।
- कम वसा और वसा कम किये हुए उत्पाद, दो वर्ष से कम के बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है क्योकि वह बढ़ते बच्चों को पर्याप्त शक्ति प्रदान नहीं करते हैं।
- बच्चों के भोजन में चीनी और नमक नहीं मिलाना चाहिए ; इसमें धान्यबीज नाश्ता, खिचड़ी और झुलसा हुआ उत्पाद शामिल हैं। इन एडिटिव्स की जांच के लिए लेबल को पढ़ें।
- फलो का रस को न देने की सलाह दी जाती है (जब तक एकदम पतला न हो) क्योकि उनसे दांतो की सड़न और दस्त की शिकायत हो सकती हैं (विशेष रूप से सेब का रस).
- सॉफ्ट ड्रिंक और फिजी ड्रिंक में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उनमे से कुछ में कृत्रिम मिठास होती है ; इनमें से किसी से भी आपके बच्चें को कोई पोषण लाभ नहीं मिलेगा।