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अपने शिशु को सुलाने के लिए तैयार करना

settling your baby to fall asleep

सुलाने की तकनीकें अपने शिशु को शांत करने और उनके थकने पर उन्हें सुलाने के आसान तरीके हैं। सभी शिशु अलग-अलग तरह के होते हैं, इसलिए उन्हें सुलाने के लिए कोई निश्चित तकनीक नहीं है। हालांकि, आप ऐसे दोस्तों से बच्चों को सुलाने के लिए तैयार करने की तकनीकों के बारे में सलाह ले सकते हैं जिन्हें बच्चे की परवरिश करने का अनुभव हो।

बच्चे को सुलाने की एक तकनीक  रोते हुए बच्चे को शांत करना होती है, जो आप में से कुछ लोगों के लिए आसान काम नहीं हो सकता है। कुछ शिशु इन तकनीकों से जल्दी से सामंजस्य बिठा लेते हैं और कुछ शिशुओं को ऐसा करने में अधिक समय लग सकता है।  लेकिन आपको शिशु के सोने के समय से पहले इन तकनीकों को निरंतर दोहराना जारी रखना चाहिए, क्योंकि दोहराए जाने से शिशु जल्दी सीखते हैं।

शिशु को सुलाने की तकनीकें निर्धारित करने से पहले विचारणीय बिंदु:

1) सुनिश्चित करें कि आपके शिशु का स्वास्थ् ठीक है।

2) यदि आपकी कोई चिंताएं हैं, तो सुलाने की तकनीकें निर्धारित करने से पहले डॉक्टर से मिलकर उनका निराकरण कर लें।

3) जिस अवधि अथवा सप्ताह के दौरान आप इस दिनचर्या को निर्धारित करने की कोशिश करते हैं, उस दौरान यदि आपका शिशु बीमार हो जाता है तो कृपया कार्यक्रम को बंद कर दें और जब आपका शिशु स्वस्थय हो जाए तो इसे फिर से शुरू करें। 

4) यह कार्यक्रम शुरू करने से पहले आपका स्वास्थ् भी अच्छा होना महत्वपूर्ण है। यदि आप अथवा आपके बच्चे में से कोई भी अस्वस्थ  है तो ऐसे में कोई नई पद्यति शुरू करना फायदेमंद नहीं होगा, क्योंकि इससे केवल अनावश्यक तनाव चिड़चिड़ापन ही उत्पन्न होगा।

5) सुनिश्चित करें कि जब आप इस कार्यक्रम को शुरू करें तो ऐसे सप्ताह में शुरू करें जिसमें आप व्यस्त हों। इससे तकनीकें निर्धारित करने के लिए अधिक समय देने में मदद मिलेगी क्योंकि आपको शिशु के सोने के प्रत्येक समय के दौरान इन तकनीकों को दोहराने की जरूरत पड़ेगी।  यदि पर्याप्त ध्यान और समय नहीं दिया जाता है, तो आपके शिशु को इन तकनीकों के प्रति अनुकूलित होने में अधिक समय लग सकता है।

6) यदि घर में शिशु की देखभाल के लिए नैनी(‘आया) है, तो उसे शिशु को सुलाने का प्रयास करने की तकनीक से अवगत करा दें ताकि वह भी उस तकनीक का इस्तेमाल कर सकें।

7) आपका शिशु जिस चारपाई अथवा पालने में सोता है वह हवादार होना चाहिए और उस पर कोई बंपर अथवा तकिया नहीं लगाना चाहिए।

8) अपने शिशु की चारपाई से सभी खिलौने हटा दें ताकि उसे सोने के लिए पर्याप्त जगह मिले।

9) अपने पार्टनर को भी शिशु को सुलाने की तकनीकों से अवगत कराएं। यदि वे भी इस प्रक्रिया में शामिल होना चाहते हैं, तो वे इसे समझ जाएंगे और आपके द्वारा शिशु को सुलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करेंगे।

10) सुलाने का प्रयास करने की इन तकनीकों के बारे में किसी अन्य व्यक्ति को भी अवगत कराना महत्वपूर्ण है। यदि किसी अप्रत्याशित कारण से आप बच्चे का ध्यान रखने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं, तो ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति आपकी कमी पूरी कर सकता है।

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