गर्भवती महिलाओं को ज्यादातर समय पौष्टिक भोजन लेने की आवश्यकता होती है और साथ ही वे कभी-कभी दावत का आनंद भी ले सकती हैं। गर्भावस्था कोई ऐसा समय नहीं है कि जिसमें आपको वह सब कुछ त्याग देना पड़े जो आपके लिए मूल्यवान और प्रिय है। क्योंकि हममें से बहुतों के लिए भोजन बड़े सुख का स्रोत होता है और ऐसी भावना कि नौ महीनों के लिए स्वाद के आनंद को मार देना है न केवल अवास्तविक है बल्कि बहुत ही कठोर भी होती है।
गर्भावस्था के दौरान खान-पान की किसी भी योजना में विविधतापूर्ण, ताज़े और रुचिकर आहार का सेवन शामिल होना चाहिए। कुछ भी खाने के लिए इसके अनुसार विचार करें कि इससे आपको और आपके शिशु को क्या प्राप्त होगा। केवल आपके तीसरे ट्राइमेस्टर तक ऐसा नहीं होगा जब आपको अपने दैनिक kilo joules की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी, बल्कि उसके बाद भी, अतिरिक्त मात्रा में फल और दूध के सेवन से इन अतिरिक्त दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
बजाए खाद्य पदार्थों की "मात्रा" के यह आपके आहार के पोषकतत्वों की गुणवत्ता और प्रबलता है जिनका गर्भावस्था के दौरान महत्व होता है,। आपने शब्द “वर्क स्मार्ट” बहुत सुना होगा, पर गर्भावस्था वह समय है जब आपको “ईट स्मार्ट” को अपनाना होगा और इस दौरान खाने को दिमाग से न कि केवल स्वाद की तृप्ति के अनुसार चुनना होगा।
लेकिन ऐसे समय में जब आप माँ बनने वाले होती हैं पौष्टिक भोजन लेना आपके विक्षिप्त शेड्यूल के मद्देनजर थोड़ा मुश्किल होता है। हमने ट्राइमेस्टर के अनुसार भोजन योजना तैयार करके आपके लिए चीज़ें थोड़ी आसान कर दी हैं।
गर्भावस्था के दौरान सही भोजन लेना आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और मूड स्विंग्स की समस्या को परे रखता है जिससे सुखद और स्वस्थ गर्भावस्था का अनुभव लिया जा सकता है। इस बात की सलाह दी जाती है कि आप कोई सप्लीमेंट प्रोग्राम (पूरक कार्यक्रम) अपनाने या अपने आहार में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर अथवा मान्यताप्राप्त स्वास्थ कर्मी से सलाह लें।